हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया हैं।इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الرضا علیه السلام
فَانظُر ما يُوافِقُكَ و يُوافِقُ مِعدَتَكَ و يُقَوَّى عَلَيهِ بَدَنُكَ ويَستَمرِئُهُ مِنَ الطَّعامِ فَقَدِّرهُ لِنَفسِكَ وَاجعَلهُ غَذائَكَ
हज़रत इमाम अली रज़ा अ.स. ने फरमाया:
उस चीज़ के बारे में फिक्र करो जो तुम्हारे और तुम्हारे पेट के लिए अच्छा हो और तुम्हारा बदन उससे एनर्जी हासिल करता हैं, और इसे बेहतर समझता हैं, बस तुम अपने लिए ऐसे भोजन का चुनाव करो और इसे अपनी खुराक करार दो,
बिहारूल अनवार,भाग 62,पेंज 310